शम्मा तो जली रात भर अंधेरों को मिटाने के लिए
एक रोज हम भी जल जायेंगे तुम्हारे घर की रौशनी के लिए,
बूँद-बूँद सी पिघलती जा रही है ज़िन्दगी देखो
एक रोज फिर ख़ाक हो जायेंगे हम भी सदा के लिए,
तुम्हे मुबारक हो ये उजालो से भरी दुनिया सनम
हमने तो तकदीर में अपनी मांग लिए अँधेरे तुम्हारे लिए,
कभी ना दूर जाने की किया करते थे तुम तो बातें,.. और
आज खुद ही देखो बन गए तुम अजनबी हमारे लिए,
हमें तो नाज़ था कितना अपनी मोहब्बत पे मेरे सनम
आज तोड़ दिए तुमने सारे भरम जो दिल में थे तुम्हारे लिए,
हम लुटते रहे तुम लूटते रहे मोहब्बत के नाम पर
हमें तो कर दिया बर्बाद तुमने अपनी ही चाहतो के लिए,
अब तो पूरी हो गयी हर आरजू तुम्हारी कुछ ना रहा बाकी
लो फिर आज मैं भी तोड़ती हूँ तुमसे अपना ये रिश्ता सदा के लिए|
एक रोज हम भी जल जायेंगे तुम्हारे घर की रौशनी के लिए,
बूँद-बूँद सी पिघलती जा रही है ज़िन्दगी देखो
एक रोज फिर ख़ाक हो जायेंगे हम भी सदा के लिए,
तुम्हे मुबारक हो ये उजालो से भरी दुनिया सनम
हमने तो तकदीर में अपनी मांग लिए अँधेरे तुम्हारे लिए,
कभी ना दूर जाने की किया करते थे तुम तो बातें,.. और
आज खुद ही देखो बन गए तुम अजनबी हमारे लिए,
हमें तो नाज़ था कितना अपनी मोहब्बत पे मेरे सनम
आज तोड़ दिए तुमने सारे भरम जो दिल में थे तुम्हारे लिए,
हम लुटते रहे तुम लूटते रहे मोहब्बत के नाम पर
हमें तो कर दिया बर्बाद तुमने अपनी ही चाहतो के लिए,
अब तो पूरी हो गयी हर आरजू तुम्हारी कुछ ना रहा बाकी
लो फिर आज मैं भी तोड़ती हूँ तुमसे अपना ये रिश्ता सदा के लिए|