कैसे ये सितम तुमने मोहब्बत में हैं ढहाए
आज एक ही पल में,... हम हो गए पराये,
होते जो खतावार हम , तो मान भी जाते
अब कैसे दर्द इस दिल का किसी को दिखाए,
कुछ तो सितम दुनिया के भी कम तो ना थे
फिर आज तुम ही ये कैसे मोड़ पर मुझे लाये,
विश्वास ही तो होता है हर रिश्ते में बाकी
जो वो ही ना रहे बीच तो हम कहा चैन पाएं,
दुनिया के दिए गम तो हम पल में भूल जाएँ
जो तुमसे हुए हासिल उसे कहा जाके भुलाएं?||
आज एक ही पल में,... हम हो गए पराये,
होते जो खतावार हम , तो मान भी जाते
अब कैसे दर्द इस दिल का किसी को दिखाए,
कुछ तो सितम दुनिया के भी कम तो ना थे
फिर आज तुम ही ये कैसे मोड़ पर मुझे लाये,
विश्वास ही तो होता है हर रिश्ते में बाकी
जो वो ही ना रहे बीच तो हम कहा चैन पाएं,
दुनिया के दिए गम तो हम पल में भूल जाएँ
जो तुमसे हुए हासिल उसे कहा जाके भुलाएं?||