होता कैसे उन्हें गम हमारी रुसवाई का....
जब फर्क पड़ा ही नहीं हमारी जुदाई का.....
खामोशी से सहा हमने जब सारे गम....
तो इल्जाम लगा दिया बेवफाई का.......
जब फर्क पड़ा ही नहीं हमारी जुदाई का.....
खामोशी से सहा हमने जब सारे गम....
तो इल्जाम लगा दिया बेवफाई का.......