Hi Guys this is not my shayris I am just sharing as I lik the wordings
Buniyad:
ग़ज़ल आपके लिए
जिसका साँसों ने गीत गाया है
कैसे कह दूँ की वो पराया है
मैं नहीं हूँ वो मेरा साया है
अपने ही खूं मैं जो नहाया है
याद बे इख्तियार आया है
मेरी रग -रग मैं जो समाया है
कैसा रिश्ता है उस से क्या मालूम
जिसने ख्वाबों मैं भी रुलाया है
ऐसे सहरा से है गुज़र जिस में
दूर तक पेड़ है ना साया है
बंद पलकों में उसकी हूँ मैं 'ज़हीन'
उसने मुझको कहाँ छुपाया है