जाने क्या अब समा गया सर में
खुद को बेघर समझ लिया घर में
आस’मान तक छुपा हुआ देखा
क्या क्या नही दिखा पता नही उस पल भर में
ना जाने किस किस ने हमे देखा उस छ्ण भर में
जब हम देर तक खड़े रहे उस गोबर में
खुद को बेघर समझ लिया घर में
आस’मान तक छुपा हुआ देखा
क्या क्या नही दिखा पता नही उस पल भर में
ना जाने किस किस ने हमे देखा उस छ्ण भर में
जब हम देर तक खड़े रहे उस गोबर में
....... © ASIM ....