होठों को छूआ उसने ,
एहसास अब तक है ।
आँखों में नमी और
साँसों में आग अब तक है ।
वक़्त गुज़र गया पर याद,
उसकी अब तक है ।
क्या पानीपूरी थी यार
स्वाद अब तक है ।
एहसास अब तक है ।
आँखों में नमी और
साँसों में आग अब तक है ।
वक़्त गुज़र गया पर याद,
उसकी अब तक है ।
क्या पानीपूरी थी यार
स्वाद अब तक है ।
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